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BLACKOUT “ऑपरेशन सिंदूर ब्लैकआउट” भारत द्वारा पाकिस्तान में किए गए सैन्य कार्रवाई के दौरान और उसके बाद भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों में लागू की गई सुरक्षा रणनीति का हिस्सा है। इस ब्लैकआउट का उद्देश्य संभावित हवाई हमलों या ड्रोन हमलों से नागरिकों और महत्वपूर्ण ढांचों की सुरक्षा सुनिश्चित करना था।7 may 2025 operation sindoor current update

ब्लैकआउट का अर्थ और उद्देश्य

BLACKOUT ‘ब्लैकआउट’ का मतलब है किसी क्षेत्र में जानबूझकर बिजली की आपूर्ति बंद कर देना। यह कोई तकनीकी खराबी नहीं होती, बल्कि सुरक्षा कारणों से लिया गया कदम होता है। जब किसी हवाई हमले की आशंका होती है या सेना का कोई अभ्यास चल रहा होता है, तब शहर या इलाके की रौशनी बंद कर दी जाती है, ताकि दुश्मन को वह जगह ऊपर से दिखाई न दे। Prabhat Khabar

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ब्लैकआउट की घटनाएँ

भारत द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर हमले के बाद, जम्मू, श्रीनगर, बाड़मेर (राजस्थान), अंबाला (हरियाणा) और पंजाब के सीमावर्ती क्षेत्रों में ब्लैकआउट लागू किया गया। उदाहरणस्वरूप, बाड़मेर जिले में गुरुवार रात 9 बजे से शुक्रवार सुबह 4 बजे तक पूर्ण ब्लैकआउट लागू किया गया।

इसके अतिरिक्त, हरियाणा में ‘ऑपरेशन अभ्यास’ के तहत नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल आयोजित की गई, जिसमें 10 मिनट का ब्लैकआउट शामिल था।

ब्लैकआउट का महत्व

BLACKOUT ब्लैकआउट का मुख्य उद्देश्य दुश्मन के हवाई हमलों के दौरान नागरिकों और महत्वपूर्ण ढांचों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। यह रणनीति विशेष रूप से सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ाने और नागरिकों को संभावित खतरों से बचाने के लिए अपनाई जाती है।

इस प्रकार, ‘ऑपरेशन सिंदूर ब्लैकआउट’ एक महत्वपूर्ण सुरक्षा उपाय था, जो भारत की रक्षा तैयारियों और नागरिक सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

नारी शक्ति का प्रतीक: विंग कमांडर व्योमिका सिंह

इस ऑपरेशन की जानकारी देने के लिए भारतीय वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह और भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी ने नई दिल्ली में एक महत्वपूर्ण प्रेस ब्रीफिंग की। व्योमिका सिंह, लखनऊ की रहने वाली हैं और एक अनुभवी हेलीकॉप्टर पायलट हैं, जिनके पास 2,500 घंटे से अधिक का उड़ान अनुभव है। उनका नाम ‘व्योमिका’ का अर्थ है ‘आकाश की स्वामिनी’, जो उनके पायलट बनने की प्रेरणा बना।

‘सिंदूर’ नाम की सांस्कृतिक प्रतीकात्मकता

‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम में गहरी सांस्कृतिक और भावनात्मक प्रतीकात्मकता है। ‘सिंदूर’ भारतीय परंपरा में विवाहित महिलाओं के लिए प्रेम, भक्ति और बलिदान का प्रतीक है। इस नाम के माध्यम से भारत ने संदेश दिया कि उसकी महिलाएं केवल पीड़िता नहीं हैं, बल्कि आतंक के खिलाफ लड़ाई में अग्रणी योद्धा हैं। Navbharat Times+2आज तक+2Zee News+2

जनमानस पर प्रभाव

इस ऑपरेशन का प्रभाव आम जनता पर भी देखा गया है। बिहार के मुजफ्फरपुर और कटिहार जैसे जिलों में कई परिवारों ने अपने नवजात बच्चों का नाम ‘सिंदूर’ या ‘सिंदूरी’ रखा है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह ऑपरेशन देशभक्ति और गर्व का प्रतीक बन गया है। ABP Live+2Navbharat Times+2Zee News+2

राजनीतिक प्रतिक्रिया

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस ऑपरेशन की सराहना करते हुए कहा, “जिन लोगों ने भारत की बहन और बेटियों के सिंदूर को छीनने का दुस्साहस किया था, उन्हें इस स्ट्राइक में अपना खानदान खोना पड़ा है।” उन्होंने इसे ‘नए भारत’ की दृढ़ता का प्रतीक बताया।

इस प्रकार, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ न केवल एक सैन्य सफलता है, बल्कि यह भारत की नारी शक्ति, सांस्कृतिक मूल्यों और आतंक के खिलाफ दृढ़ संकल्प का प्रतीक बन गया है।

“ऑपरेशन सिंदूर” भारत की एक निर्णायक सैन्य कार्रवाई है, जिसे 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में अंजाम दिया गया था। इस हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या कर दी गई थी, जिनमें अधिकांश पर्यटक थे। इस क्रूरता के प्रतिशोध में भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकी शिविरों पर एयरस्ट्राइक की

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