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कैंची धाम आश्रम :
kainchi dham कैंची धाम आश्रम, उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित एक प्रमुख आध्यात्मिक स्थल है, जिसे नीम करौली बाबा (महाराज जी) ने 1960 के दशक में स्थापित किया था। यह आश्रम नैनीताल-अल्मोड़ा मार्ग पर, भवाली से लगभग 9 किलोमीटर और नैनीताल से लगभग 17 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह स्थान समुद्र तल से लगभग 1400 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और चारों ओर हरे-भरे जंगलों और पहाड़ियों से घिरा हुआ है, जिससे यह ध्यान और साधना के लिए एक शांतिपूर्ण वातावरण प्रदान करता है। Navbharat Times
आश्रम की विशेषताएं:
- स्थापना और इतिहास: कैंची धाम की स्थापना नीम करौली बाबा ने 1960 के दशक में की थी। पहला मंदिर जून 1964 में उद्घाटित हुआ था।
- मंदिर और पूजा स्थल: आश्रम परिसर में भगवान हनुमान का एक प्रमुख मंदिर है, जो बाबा के हनुमान भक्ति को दर्शाता है। इसके अलावा, भगवान राम, शिव और देवी दुर्गा के मंदिर भी यहां स्थित हैं।
- वार्षिक भंडारा: हर वर्ष 15 जून को आश्रम में एक विशाल भंडारे का आयोजन होता है, जिसमें देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु भाग लेते हैं।
- आश्रम का नाम: “कैंची” नाम दो पहाड़ियों के बीच के तीव्र मोड़ों के कारण पड़ा है, जो कैंची (कैंची) के आकार के हैं।7 Kedarnath Temple yatra 2025 mahadev darshan
यात्रा और ठहरने की जानकारी:
- कैसे पहुंचें:
- वायु मार्ग: सबसे निकटतम हवाई अड्डा पंतनगर है, जो कैंची धाम से लगभग 70 किलोमीटर दूर है।
- रेल मार्ग: निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम है, जो आश्रम से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
- सड़क मार्ग: दिल्ली, देहरादून, हरिद्वार और अन्य प्रमुख शहरों से नियमित बस सेवाएं उपलब्ध हैं।
- ठहरने की सुविधा: आश्रम में सीमित संख्या में ठहरने की व्यवस्था है, जो पहले से अनुमति प्राप्त करने पर ही संभव है। इसके अलावा, आसपास के क्षेत्रों में कई होटल और गेस्ट हाउस उपलब्ध हैं, जैसे कि ‘Casa De Bello’, जो आश्रम से लगभग 7 किलोमीटर दूर है। Navbharat Times
यात्रा का सर्वोत्तम समय:
मार्च से जून और सितंबर से नवंबर के बीच का समय कैंची धाम की यात्रा के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है। इस अवधि में मौसम सुहावना रहता है, जिससे यात्रा और दर्शन सुखद होते हैं। मानसून के दौरान (जुलाई-अगस्त) भारी वर्षा के कारण यात्रा में कठिनाई हो सकती है। https://www.youtube.com/watch?v=wzf399C7wpY
यदि आप कैंची धाम की यात्रा की योजना बना रहे हैं और अधिक जानकारी या मार्गदर्शन चाहते हैं, तो कृपया बताएं। मैं आपको यात्रा योजना, ठहरने के विकल्प, या अन्य आवश्यक जानकारी प्रदान करने में सहायता कर सकता हूँ।
नीम करौली बाबा, जिन्हें बाबा नीम करौली या महाराज जी के नाम से भी जाना जाता है, एक प्रसिद्ध भारतीय संत और हनुमान भक्त थे। उनका जन्म लगभग 1900 के आसपास उत्तर प्रदेश के अकबरपुर गाँव में हुआ था। वे अपने भक्तों को बिना किसी प्रचार के गहन आध्यात्मिक अनुभव और प्रेम की भावना देने के लिए जाने जाते हैं।
नीम करौली बाबा के बारे में मुख्य बातें:
- हनुमान जी के परम भक्त:
बाबा का अधिकांश जीवन भगवान हनुमान की भक्ति और सेवा में बीता। उनके कई आश्रमों में हनुमान मंदिर हैं, और वे अक्सर कहते थे कि “सब कुछ हनुमान जी ही कर रहे हैं।” - चमत्कारों के लिए प्रसिद्ध:
उनके भक्तों का मानना है कि उन्होंने कई चमत्कार किए — जैसे बिना कुछ कहे लोगों की समस्याओं को जान लेना, असाध्य बीमारियों को ठीक कर देना, और दूर-दराज के स्थानों की घटनाओं को बता देना। - पश्चिमी भक्त:
1960-70 के दशक में कई विदेशी लोग, विशेष रूप से अमेरिका से, उनसे प्रभावित हुए। प्रसिद्ध लेखक रामदास (Ram Dass) (पूर्व में रिचर्ड अल्पर्ट) बाबा के भक्त बन गए और उन्होंने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक “Be Here Now” में नीम करौली बाबा का वर्णन किया। - आश्रम:
बाबा के कई आश्रम हैं, जिनमें प्रमुख हैं:- कैंची धाम (उत्तराखंड) – सबसे प्रसिद्ध आश्रम, जहाँ हर साल जून में बड़ा मेला लगता है।
- वृंदावन, लखनऊ, हनुमान गढ़ी (नैनीताल) आदि।
- महासमाधि:
नीम करौली बाबा ने 11 सितंबर 1973 को वृंदावन में अपनी देह त्यागी। - प्रभाव:
उनके भक्तों में स्टीव जॉब्स, मार्क ज़ुकरबर्ग और हॉलीवुड हस्तियाँ भी शामिल हैं, जिन्होंने बाबा के आश्रम का दौरा किया या उनके विचारों से प्रभावित हुए। - मन्नत :-कहा जाता है ऐसी मान्यतायें है यहां जो कोई भी आता है और सच्चे दिल सब जो भी मंगता है वो मन्नत पूरी होती है
- एक वार आप लोग जरूर जाये
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