brass city

MORADABAD THE BRASS CITY OF INDIA2

HISTORY OF MORADABAD BRASS CITY : –

“ब्रास सिटी” (पीतल नगरी) BRASS CITY 1 :- मुरादाबाद उत्तर प्रदेश राज्य का एक प्रमुख शहर है, जिसे “ब्रास सिटी” (पीतल नगरी) के नाम से जाना जाता है। यह रामगंगा नदी के किनारे बसा हुआ है और भारत ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में अपनी उत्कृष्ट पीतल की कारीगरी के लिए प्रसिद्ध है। यह नाम इस शहर को इसके विश्वप्रसिद्ध पीतल (ब्रास) के काम और हस्तशिल्प उद्योग के कारण मिला है। मुरादाबाद भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में पीतल उत्पादों के सबसे बड़े निर्यातक शहरों में से एक है। https://youtube.com/shorts/eZ_8poLiiLk?si=8kW2CBuAqndbLiTy

इतिहास:

मुरादाबाद की स्थापना 1625 में मुग़ल शासक शाहजहाँ के शासनकाल में उसके बेटे मुराद बख्श के नाम पर की गई थी। पहले इसे “रुहेलखंड” का हिस्सा माना जाता था।मुरादाबाद की पीतल शिल्पकला में कारीगर पारंपरिक डिज़ाइन और आधुनिक स्टाइल को मिलाकर बेहद खूबसूरत वस्तुएँ बनाते हैं। “ब्रास सिटी” (पीतल नगरी) यहाँ बनने वाले उत्पाद सिर्फ सजावटी नहीं, बल्कि उपयोगी भी होते हैं। जैसे:पीतल के दीपक और मूर्तियाँफैंसी झूमर (चांदेलियर)टेबल लैंप, फ्रेम, वॉल हैंगिंगकटलरी और रसोई के बर्तनपूजा सामग्रीसजावटी जानवरों की मूर्तियाँ (हाथी, घोड़ा, शेर आदि)2. कैसे बनती है?

पीतल उद्योग:

मुरादाबाद का पीतल उद्योग 19वीं शताब्दी में फला-फूला और आज यह शहर भारत के सबसे बड़े हस्तशिल्प निर्यात केंद्रों में से एक बन चुका है।

यहाँ के कारीगर पीतल, कांसे, एल्युमिनियम, और अन्य धातुओं से खूबसूरत घरेलू सजावटी वस्तुएं, मूर्तियाँ, दीपक, झूमर, बर्तन, और गिफ्ट आइटम बनाते हैं।“ब्रास सिटी” (पीतल नगरी)

ये उत्पाद अमेरिका, यूरोप, मध्य-पूर्व और एशिया के कई देशों में निर्यात किए जाते हैं।

आर्थिक महत्त्व:

मुरादाबाद भारत सरकार द्वारा स्थापित “SEZ” (Special Economic Zone) वाला शहर है।

यह शहर हर साल करोड़ों की एक्सपोर्ट करता है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को बड़ा योगदान मिलता है।

यहां “Export Promotion Industrial Park (EPIP)” भी है, जो खासतौर पर निर्यातकों को सुविधा देने के लिए बनाया गया है।“ब्रास सिटी” (पीतल नगरी) यह शहर परंपरा और आधुनिकता का सुंदर संगम है जहाँ कला जीवंत है और हर कारीगर की रचना में इतिहास की

संस्कृति और शिक्षा:

मुरादाबाद सांस्कृतिक रूप से भी समृद्ध है। यहाँ विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों के लोग मिल-जुलकर रहते हैं।

यहाँ की “ब्रास आर्ट” “ब्रास सिटी” (पीतल नगरी) को देखने और सीखने के लिए देश-विदेश से लोग आते हैं।

यहां “राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज” और “टी.एम.यू (Teerthanker Mahaveer University)” जैसे उच्च शिक्षण संस्थान भी मौजूद हैं।

“ब्रास सिटी” (पीतल नगरी)“पीतल नगरी” मुरादाबाद भारतीय शिल्पकला, मेहनती कारीगरों और वैश्विक व्यापार का प्रतीक है।

पर्यटन स्थल:

साईं मंदिर

रामगंगा नदी तट

विदुर कुटी (नज़दीकी स्थान)

डॉ. भीमराव अंबेडकर पार्कAMBEDKAR PARK

  1. 1. क्या है खास?
    मुरादाबाद की पीतल शिल्पकला में कारीगर पारंपरिक डिज़ाइन और आधुनिक स्टाइल को मिलाकर बेहद खूबसूरत वस्तुएँ बनाते हैं। यहाँ बनने वाले उत्पाद सिर्फ सजावटी नहीं, बल्कि उपयोगी भी होते हैं। जैसे:पीतल के दीपक और मूर्तियाँफैंसी झूमर (चांदेलियर)टेबल लैंप, फ्रेम, वॉल हैंगिंगकटलरी और रसोई के बर्तनपूजा सामग्रीसजावटी जानवरों की मूर्तियाँ (हाथी, घोड़ा, शेर आदि)2. कैसे बनती है?
    कारीगर पहले मिट्टी या मोम से डिजाइन तैयार करते हैं, फिर उस पर मोल्डिंग, पॉलिशिंग, एनग्रेविंग, और मीनाकारी जैसे कई स्टेप्स से गुजरकर चीज़ें तैयार होती हैं। बहुत से कारीगर पीढ़ियों से इस कला को संभाले हुए हैं।3. पीतल बाज़ार (Brass Market):मुरादाबाद में “Bartan Bazaar”, “Peerzada Road”, “Lajpat Nagar”, “Makbara Area” जैसे इलाके खास तौर पर पीतल उत्पादों के लिए मशहूर हैं।यहाँ छोटी दुकानों से लेकर बड़े गोदाम और एक्सपोर्ट हाउस तक हैं।4. अंतरराष्ट्रीय पहचान:मुरादाबाद के शिल्प दुनियाभर में निर्यात किए जाते हैं — जैसे अमेरिका, यूके, जर्मनी, फ्रांस, और अरब देशों में।इसे “International Brass City” का खिताब भी मिला है।5. सरकारी सहयोग:सरकार ने यहाँ Export Promotion Industrial Park (EPIP) और SEZ (Special Economic Zone) बनाए हैं ताकि यहाँ के उत्पादों को वैश्विक बाज़ार में बढ़ावा मिल सके।”उद्यमी सम्मेलन” और “हस्तशिल्प मेला” जैसे आयोजन भी समय-समय पर होते हैं। AMBEDKAR PARK

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